PM Kisan 21th installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन समान किस्तों में 2000 रुपए प्रत्येक के रूप में हर चार महीने में सीधे किसान के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजी जाती है। अब तक 20 किस्तें जारी की जा चुकी हैं और अगस्त 2025 में 20वीं किस्त 9.7 करोड़ किसानों को दी गई थी। वर्तमान में देश भर के किसान 21वीं किस्त का इंतज़ार कर रहे हैं।
21वीं किस्त की अपेक्षित तिथि और राशि
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और पिछली किस्तों के पैटर्न के आधार पर 21वीं किस्त अक्टूबर या नवंबर 2025 में जारी होने की संभावना है। यह योजना की नियमित चार महीने की अवधि के अनुसार है। 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को जारी की गई थी इसलिए अगली किस्त अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में आने की उम्मीद है। किस्त की राशि नियमानुसार 2000 रुपए ही होगी क्योंकि सरकार ने योजना की मूल संरचना में कोई बदलाव की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि सटीक तिथि की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से pmkisan.gov.in पर जाकर अपडेट चेक करते रहें। सरकार आमतौर पर किस्त जारी करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना जारी करती है।
योजना की पात्रता और नए नियम
21वीं किस्त पाने के लिए किसान को कुछ आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा। किसान के नाम पर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए और वह छोटा या सीमांत किसान होना चाहिए। आधार कार्ड का बैंक खाते के साथ लिंक होना अनिवार्य है। e-KYC की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए जो OTP के माध्यम से ऑनलाइन या नजदीकी CSC केंद्र पर बायोमेट्रिक द्वारा की जा सकती है। भूमि रिकॉर्ड में किसान का नाम सत्यापित होना चाहिए। सरकारी नौकरी में कार्यरत लोग, आयकरदाता, 10000 रुपए से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले और संवैधानिक पदों पर रहे व्यक्ति इस योजना के पात्र नहीं हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे प्रोफेशनल भी इस योजना से बाहर हैं।
e-KYC और दस्तावेज अपडेशन की प्रक्रिया
21वीं किस्त पाने के लिए e-KYC का पूरा होना सबसे जरूरी शर्त है। PM Kisan पोर्टल पर जाकर Farmers Corner में eKYC के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। आधार नंबर डालकर सर्च बटन दबाने के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP आएगा। OTP डालकर सबमिट करने से e-KYC पूरी हो जाएगी। यदि मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है तो नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा। आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, भूमि के कागजात और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज अपडेट रखना जरूरी है। गलत या अधूरी जानकारी की वजह से किस्त रुक सकती है इसलिए सभी डिटेल्स सही रखना आवश्यक है।
लाभार्थी सूची में नाम चेक करने की विधि
यह जांचने के लिए कि आपका नाम PM Kisan की लाभार्थी सूची में है या नहीं, pmkisan.gov.in पर जाना होगा। Farmers Corner में Beneficiary List के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। अपना राज्य, जिला, सब-डिस्ट्रिक्ट, ब्लॉक और गांव चुनना होगा। Get Report पर क्लिक करने के बाद पूरी लिस्ट दिखाई देगी जिसमें आप अपना नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर खोज सकते हैं। यदि नाम नहीं दिख रहा तो यह अधूरे e-KYC, आधार-बैंक लिंकिंग की समस्या या गलत भूमि रिकॉर्ड के कारण हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत नजदीकी CSC केंद्र या कृषि कार्यालय से संपर्क करके समस्या का समाधान कराना चाहिए।
भुगतान स्थिति और किस्त ट्रैकिंग
किस्त की स्थिति जांचने के लिए PM Kisan पोर्टल पर Beneficiary Status के ऑप्शन पर जाना होगा। आधार नंबर, अकाउंट नंबर या मोबाइल नंबर में से कोई एक डालकर Get Data पर क्लिक करना होगा। यहां आप देख सकते हैं कि आपको कितनी किस्तें मिली हैं और कब-कब मिली हैं। यदि Payment Success दिख रहा है तो राशि जल्द ही खाते में आ जाएगी। FTO is Generated का मतलब है कि पेमेंट प्रक्रिया शुरू हो गई है। यदि कोई किस्त Pending में दिख रही है तो इसका कारण अधूरा वेरिफिकेशन या दस्तावेजों की कमी हो सकती है। इस स्थिति में संबंधित अधिकारियों से संपर्क करके समस्या का समाधान कराना चाहिए।
नए किसान रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
जो किसान अभी तक इस योजना से नहीं जुड़े हैं वे PM Kisan पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। Farmers Corner में New Farmer Registration के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। आधार नंबर, नाम, जन्मतिथि, लिंग, कैटेगरी जैसी बुनियादी जानकारी भरनी होगी। बैंक अकाउंट डिटेल्स और IFSC कोड सही तरीके से भरना जरूरी है। भूमि का विवरण जैसे सर्वे नंबर, खसरा नंबर, भूमि का प्रकार आदि भी भरना होगा। सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद सबमिट करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद राज्य सरकार द्वारा वेरिफिकेशन होने पर लाभार्थी सूची में नाम आ जाएगा।